JAC 12th Geography Model Paper Answer 2025: Jharkhand Academic Council (JAC) has released the class 12th Arts Geography model paper 2025. JAC class12th Geography model paper 2025 contains the format of questions coming in the board exam 2025, which makes it easier for the students to prepare for the exam. Therefore, our team has prepared the answer of JAC class 12th Geography model paper 2025 which is based on the question bank released by JAC. You can download JAC class 12th Geography model paper answer 2025 PDF in jacupdate.in website. JAC class 12th Geography model paper answer 2025 PDF download link is given below, which you can easily download.
Post | JAC 12th Geography Model Paper Answer 2025 |
Board | Jharkhand Academic Council |
Name Of Exam | Jharkhand 12th Board Examination 2025 |
Session | 2025 |
Date Of Exam | 11 February 2025 |
Model Paper Publication Date | 03 January 2025 |
Subject | Geography |
Official Website | J.A.C. |
JAC 12th Geography Model Paper Answer 2025
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1) संभववाद की अवधारणा में किस घटक को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है?
a. मानवीय घटक
b. प्राकृतिक घटक
c. मानवीय एवं प्राकृतिक घटक दोनों
d. इनमें से कोई नहीं
उत्तर :- a. मानवीय घटक
2) मेगा नगर की जनसंख्या कितनी होती है?
a. 10 लाख
b. 50 लाख से अधिक
c. 1 करोड़
d. 1 लाख
उत्तर :- b. 50 लाख से अधिक
3) विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या केंद्रित है।
a. पर्वतीय क्षेत्रों में
b. मैदानों में
c. पठार में (In plateau)
d. मरुस्थल में
उत्तर :- b. मैदानों में
4) भारतीय जनगणना इतिहास में किस वर्ष को ग्रेट डिवाइड की संज्ञा दी गई है?
a. 1911
b.1981
c. 1951
d.1921
उत्तर :- d.1921
5) मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है?
a. प्रो. अमर्त्य सेन
b. डॉ. महबूब उल हक
c. ऐलन सी. सेम्पल
d. रेटजेल
उत्तर :- b. डॉ. महबूब उल हक
6) निम्न में से किस कृषि प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूह द्वारा किया गया?
a. कोलखहोज
b. पुष्पोत्पादन
c. मिश्रित कृषि
d. रोपण कृषि
उत्तर :- d. रोपण कृषि
7) हॉर्टिकल्चर किसके उत्पादन से संबंधित है?
a. फूल से
b. दाल से
c. अन्न से
d. फल और सब्जी से
उत्तर :- d. फल और सब्जी से
8) निम्न में से कौन सा रोपण कृषि नहीं है?
a. कॉफी
b. गन्ना
c. गेहूं
d. रबड़
उत्तर :- c. गेहूं
9) निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?
a. पूंजीवादी
b. मिश्रित
c. समाजवाद
d. इनमें से कोई नहीं
उत्तर :- a. पूंजीवादी
10) जापान का डैट्रायट किसे कहा जाता है?
a. टोक्यो
b. नगोया
c. नागासाकी
d. ओसाका
उत्तर :- b. नगोया
11) नई औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई?
a. 1990
b. 1991
c. 1992
d. 1993
उत्तर :- b. 1991
12) एक विकसित अर्थव्यवस्था में, जनसंख्या का बड़ा अनुपात किस पर निर्भर करता है?
a. प्राथमिक क्षेत्र
b. द्वितीयक क्षेत्र
c. तृतीयक क्षेत्र
d. चतुर्थक क्षेत्र
उत्तर :- c. तृतीयक क्षेत्र
13) कील नहर कहाँ स्थित है?
a. ब्रिटेन
b. जर्मनी
c. बेल्जियम
d. रूस
उत्तर :- b. जर्मनी
14) जल किस प्रकार का संसाधन है?
a. अनवीकरणीय
b. चक्रीय संसाधन
c. जैव संसाधन
d. a और b दोनों
उत्तर :- b. चक्रीय संसाधन
15) आर्द्र कृषि में कितनी वार्षिक वर्षा आवश्यक है?
a. 25 सेंटीमीटर से कम
b. 25 से 50 सेंटीमीटर
c. 75 सेंटीमीटर से अधिक
d. इनमें से कोई नहीं
उत्तर :- c. 75 सेंटीमीटर से अधिक
16) अंकलेश्वर खनिज तेल क्षेत्र कहाँ स्थित है?
a. गुजरात
b. महाराष्ट्र
c. असम
d. तमिलनाडु
उत्तर :- a. गुजरात
17) विश्व का सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग कौन सा है?
a. उत्तरी अटलांटिक
b. प्रशांत महासागर
c. हिन्द महासागर
d. दक्षिण अटलांटिक
उत्तर :- a. उत्तरी अटलांटिक
18) WTO का मुख्यालय कहाँ है?
a. जेनेवा
b. जकार्ता
c. वियाना
d. मान्टेवीडियो
उत्तर :- a. जेनेवा
19) कोच्चि पत्तन कहाँ अवस्थित है?
a. कर्नाटक में
b. ओडिशा में
c. केरल में
d. तमिलनाडु में
उत्तर :- c. केरल में
20) किस पंचवर्षीय योजना में समाजवादी समाज की स्थापना का प्रतिरूप प्रस्तुत किया गया?
a. प्रथम
b. द्वितीय
c. तृतीय
d. चतुर्थ
उत्तर :- b. द्वितीय
21) निम्नलिखित में से कौन सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है?
a. परती भूमि
b. सीमांत भूमि
c. निवल बोया गया क्षेत्र
d. कृषि योग्य व्यर्थ भूमि
उत्तर :- b. सीमांत भूमि
22) जल संसाधनों का संरक्षण क्यों जरूरी है?
a. जल अनुपलब्धता से बचने के लिए
b. निरंतर बढ़ती मांग के लिए
c. स्थानिक और ऋतुवत् असमनाता के कारण
d. इनमें से सभी
उत्तर :- d. इनमें से सभी
23) हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन किस राज्य से होकर नहीं गुजरती है?
a. महाराष्ट्र
b. गुजरात
c. मध्य प्रदेश
d. उत्तर प्रदेश
उत्तर :- a. महाराष्ट्र
24) किस औद्योगिक नीति में उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया गया?
a. 1991
b. 1952
c. 1948
d. 1989
उत्तर :- a. 1991
25) ‘द लिमिट टू ग्रोथ’ के लेखक कौन है?
a. एहरलिच
b. मीडोज
c. महात्मा गांधी
d. फ्रेडरिक रेटजेल
उत्तर :- b. मीडोज
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. मानव भूगोल को परिभाषित करें।
उत्तर :- अनेक विद्वानों के द्वारा मानव भूगोल को परिभाषित किया है, वास्तव में भौतिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के अंतर्संबंधों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन करना ही मानव भूगोल है।
रेटजेल के अनुसार, “मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के मध्य संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।”
एलेन चर्चिल सैंपल के अनुसार, “मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के मध्य परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है।”
2. मानव विकास के तीन बुनियादी आयाम कौन से हैं?
उत्तर :- मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुंच ।
3. चलवासी पशुचारण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- चलवासी पशुचारण में लोगों को अपने पशुओं के लिए चारागाह की तलाश में बार-बार एक स्थान से दूसरे स्थान पर अपने निवास को स्थानांतरित करना पड़ता है।
4. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर :- स्वामित्व के आधार पर सार्वजनिक उद्यमों व्यक्तिगत अथवा निजी उद्योग मिश्रित सहकारी उद्योग।
5. तृतीयक क्रियाकलाप से आप क्या समझते है?
उत्तर :- इस आर्थिक गतिविधि के अंतर्गत वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता बल्कि अमूर्त सेवाएं प्रदान की जाती है। तृतीयक क्रियाकलाप के अंतर्गत व्यापार- वाणिज्य, परिवहन, संचार तथा विभिन्न व्यक्तिगत व व्यवसायिक सेवाओं से संबंधी गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है।
6. स्वेज नहर किन दो सागरों को जोड़ती हैं?
उत्तर :- स्वेज नहर भूमध्यसागर और लाल सागर को जोड़ती है।
7. जनसंख्या वृद्धि को परिभाषित करें?
उत्तर :- दो समय अंतरालों के बीच जनसंख्या में हुए परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।
8. फसल शस्य गहनता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :- एक ही क्षेत्र में एक कृषि वर्ष में उगाई गई फसलों की संख्या को शस्य गहनता कहा जाता है।
उसे ज्ञात करने का सूत्र है –
फसल गहनता = सकल बोया गया क्षेत्र / निवल बोया गया क्षेत्र x 100
9. भारत के पूर्वी तट पर स्थित किन्हीं चार पत्तनों के नाम लिखें।
उत्तर :- कोलकाता, हल्दिया, चेन्नई, तूतीकोरिन, पारादीप, विशाखापट्टनम आदि।
लघु उत्तरीय प्रश्न
10. प्रवास के प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- प्रवास के प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक
प्रतिकर्ष कारकः | अपकर्ष कारक : |
प्रतिकूल परिस्थिति में परेशान होकर जब लोग एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करते हैं, तो उसे प्रतिकर्ष कारक कहा जाता है। उदाहरण बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएं, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक आपदाएं, महामारी, सामाजिक आर्थिक पिछड़ेपन जैसे कारक उद्गम स्थान को प्रतिकूल बनाते है। | अनुकूल अवसर से आकर्षित होकर जब लोग एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करते हैं तो उसे अपकर्ष कारक कहते हैं। उदाहरण काम के बेहतर अवसर, रहन-सहन की अच्छी दशाएं, शांति व स्थायित्व, जीवन व संपत्ति की सुरक्षा, अनुकूल जलवायु जैसे कारण गंतव्य स्थान को अधिक आकर्षक बनाते हैं। |
11. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग का वर्णन करें।
उत्तर :- उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग निर्माण क्रियाओं में नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध तथा विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता है। संपूर्ण श्रमिक शक्ति का अधिकतर भाग व्यवसायिक (सफ़ेद कॉलर) श्रमिकों का होता है। ये उच्च, दक्ष तथा विशिष्ट व्यवसायिक श्रमिक वास्तविक उत्पादन (नीला कॉलर) श्रमिकों से संख्या में अधिक होते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कम्प्यटूर आधारित डिज़ाइन (कैड) और निर्माण, धातु पिघलाने तथा शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण व नए रासायनिक तथा औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं।
12. भारत में पाइपलाइन परिवहन के पाँच लाभ बताएँ।
उत्तर :- लाभः
(क) इसके निर्माण में केवल आरंभिक लागत ही आती है, बाद में किसी प्रकार के निवेश की आवश्यकता नहीं होती है।
(ख) इसके संचालन तथा रखरखाव में बहुत कम खर्च पड़ता है।
(ग) यह परिवहन माध्यम, अन्य सभी माध्यमों से सस्ता है। परिवहन के अन्य साधनों के कार्यान्वयन में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, पाइपलाइन परिवहन में ऊर्जा की बचत होती है।
(घ) किसी भी भूभाग में बिछाया जा सकता है, दुर्गम स्थानों तक भी पाइपलाइन के द्वारा परिवहन हो सकता है।
(ङ) इसमें समय की बचत होती है।
(च) परिवहन से प्रदूषण की संभावनाएं नहीं होती है, यह पर्यावरण के अनुकूल होता है।
13. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर :- अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता के निम्न कारण हैं-
- विश्व में विभिन्न देशों के बीच प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण मिलता है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार को आवश्यक बनाता है।
- अलग-अलग देशों में उत्पादन के विभिन्न कारक जैसे- पूंजी, प्रौद्योगिकी, कच्चे माल की उपलब्धता, सस्ते एवं कुशल श्रमिकों की उपलब्धता आदि में अंतर दिखाई देती है। जो स्थान विशेष को वस्तु विशेष के उत्पादन हेतु अनुकूल बनाता है, जिससे वे कम लागत पर वस्तुओं का उत्पादन कर पाते हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
14. भारत के जनसंख्या वितरण प्रतिरूप का वर्णन करें।
उत्तर :- भारत एक विशाल देश है। यह विश्व का सातवां बड़ा देश है, जिसका क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग कि.मी. है। इसका जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है इतना लम्बे-चौड़े भूभाग का धरातलीय स्वरूप, मिट्टी की उर्वरता, जलवायु, प्राकृतिक संसाधनों, नगरीकरण आदि में विविधता पाई जाती है।
सामाजिक, आर्थिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में भी विविधता पायी जाती है। इन विविधताओं का घनिष्ठ संबंध देश के जनसंख्या के स्थानिक वितरण पर पड़ता है। भारत में जनसंख्या का ऐसा ही असमान वितरण प्रदर्शित होता है। इसे निम्नलिखित वर्गों में विभक्त करते हैं।
(क) उच्च घनत्व वाले राज्य (800 व्यक्ति/वर्ग कि. मी. से अधिक)
(ख) मध्यम घनत्व वाले राज्य (400-800 व्यक्ति / वर्ग कि.मी.)
(ग) मध्यम से निम्न घनत्व वाले राज्य (100- 400 व्यक्ति/वर्ग कि.मी.)
(घ) अति निम्न घनत्व वाले राज्य (100 व्यक्ति / वर्ग कि.मी. से कम)
15. भारत की पल्ली और परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- भारत में पल्ली बस्तियां और परिक्षिप्त बस्तियां में निम्न अंतर है-
- पल्ली बस्तियां:- इन बस्तियों का निर्माण जातीय व्यवस्था के कारण उत्पन्न सामाजिक अलगाव से होता है। इन बस्तियों में एक से अधिक जातियों के लोग रहते हैं। भारत में इस प्रकार की बस्तियां मुख्य रूप से मध्य गंगा मैदान, निम्न गंगा मैदान, छत्तीसगढ़ एवं हिमालय की निचली घाटियों में पाए जाते हैं। इन बस्तियों को स्थानीय स्तर पर पुरवा, पान्ना, पाडा, पाली नगला व ढॉणी आदि नाम से जाना जाता है।
- परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियां:– परिक्षिप्त बस्तियां सुदूर वन क्षेत्रों में अथवा छोटी पहाड़ियों के ढालो पर या चरागाहों में एकाकी रूप से दिखाई पड़ती है। भारत में यह बस्तियां मेघालय, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा केरल राज्य के अनेक भागों में पाई जाती हैं इन बस्तियों का विकास भूमि संसाधनों की अत्यधिक विखंडित प्रकृति के कारण होता है।
16. भूतापीय ऊर्जा किसे कहते हैं? इसका क्या महत्व है?
उत्तर :- जब पृथ्वी के गर्भ से मैग्मा निकलता है तो अत्यधिक ऊष्मा निर्मुक्त होती है। इसे भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त गीजर कूपों से निकलते गर्म पानी से ताप ऊर्जा पैदा की जा सकती है। जैसे भारत में हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र अधिकृत किया जा चुका है।
17. भारत में सड़क तथा रेल परिवहन एक-दूसरे के पूरक हैं स्पष्ट करें।
उत्तर :- सड़क तथा रेल परिवहन एक-दूसरे के पूरक है:
(क) सड़क परिवहन घर तथा रेलवे स्टेशन के बीच एक जोड़ है, क्योंकि यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
(ख) सड़क परिवहन खेतों तथा कारखानों को रेलवे स्टेशन से जोड़ता है। दूरवर्ती स्थानों पर से जायी जाने वाली वस्तुएँ स्टेशन तक ट्रकों में लाई जाती है।
(ग) रेल परिवहन भारी वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि सड़क परिवहन ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी बाज़ार तक शीघ्र नष्ट हो जाने वाले उत्पादों (फल, सब्जियी, दूध तथा डेरी उत्पाद के परिवहन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
18. उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
उत्तर :- उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है-
- क. कच्चे माल की निकटता निर्माण उद्योग की सबसे पहली आवश्यकता कच्चे माल की होती है जिसका रूप और उपयोग बदलकर मूल्य वृद्धि की जाती है अतः जहां पर कच्चे माल की निकटता होगी विनिर्माण उद्योगों का स्थानीयकरण भी वहीं पर होगा।
- ख. पूंजी की सुलभता किसी भी उद्योग को चलाने के लिए पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है अतः पूंजी की सुलभता विनिर्माण उद्योगों का स्थानीयकरण में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
- ग. शक्ति के साधनों की निकटता वर्तमान समय में समस्त निर्माण उद्योग किसी न किसी शक्ति के संसाधन पर निर्भर रहते हैं। जैसे -कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, जल विद्युत, आदि शक्ति के संसाधन है क्योंकि बिना बिजली के कोई भी उद्योग को नहीं संचालित किया जा सकता है अतः शक्ति के साधनों की निकटता आवश्यक है।
- घ. परिवहन के साधनों की सुविधा कच्चे माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए और निर्मित माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए सस्ता और गतिमान परिवहन औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। अतः वर्तमान समय में उद्योगों के स्थानीयकरण में परिवहन के साधनों का सुविधा जैसे- रेल, सड़क, हवाई मार्ग से जुड़ा होना आवश्यक है।
- ङ. बाजार की निकटता बाजार से निकटता वाले औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादित वस्तुओं की खपत अधिक होती है, क्योंकि वैसे क्षेत्रों में अधिक संख्या में उपभोक्ता आसानी से उपलब्ध होते हैं। अतः निर्मित वस्तुओं के खपत हेतु बाजार की निकटता आवश्यक है।
- च. अनुकूल जलवायु – किसी भी उद्योग की स्थापना के लिए अनुकूल जलवायु का होना एक महत्वपूर्ण कारक है। अतः उद्योग ऐसे स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं जहां की जलवायु स्वास्थ्यप्रद हो। किसी उद्योग को विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है। जैसे सूती वस्त्र उद्योग के लिए आर्द जलवायु। क्योंकि इस जलवायु में धागा महीन तथा कम टूटता है। अतः सूती वस्त्र उद्योग को आर्द जलवायु में ही स्थापित किया जाता है।
- छ. कुशल और सस्ते श्रमिक कुशल एवं सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता वाले क्षेत्र उद्योगों की अवस्थिति के लिए अनुकूल होते हैं। जैसे अलीगढ़ में ताला निर्माण उद्योग एवं महाराष्ट्र में सूत्ती वस्त्र उद्योग का विकास।
- ज. सरकारी संरक्षण- किसी भी उद्योग को चलाने के लिए उद्योगों को सरकारी संरक्षण में होना आवश्यक है ताकि वह अच्छे से विकास कर पाए।
19. आप उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार से योगदान दिया है?
उत्तर :- भारत में औद्योगिक नीति की घोषणा सन् 1991 में की गई। इस नीति के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं।
- क. उदारीकरण
- ख. निजीकरण
- ग. वैश्वीकरण।
क. उदारीकरण से आशय आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा पूर्व आर्थिक नियमों व कानूनों में लचीलापन, लाइसेंस प्रणाली को समाप्त करना, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना, उद्योग स्थापना, वाणिज्य व व्यापार क्षेत्रों में छूट सम्बन्धी समस्त प्रयासों को उदारीकरण के नाम से जाना जाता है।
ख. निजीकरण से आशय उदारीकरण नीति निजीकरण को आधार प्रदान करने के लिए बनाई गई है। सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र की ओर स्वामित्व हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया को निजीकरण कहा जाता है। निजीकरण घरेलू तथा बहुराष्ट्रीय दोनों पूँजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए किया गया है।
ग. वैश्वीकरण से आशय वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत सामान व पूँजी सहित सेवाएँ, श्रम और संसाधन एक देश से दूसरे देश को स्वतन्त्रतापूर्वक पहुँचाए जा सकते हैं। उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण का भारत के औद्योगिक विकास में सहयोग- उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण भारत की औद्योगिक नीति 1991 के प्रमुख लक्ष्य रहे। इन लक्ष्यों के क्रियान्वयन से भारत के औद्योगिक विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला।
इसके प्रमुख कारण निम्नवत् रहेः-
- सुरक्षा, सामरिक अथवा पर्यावरण से सम्बन्धित छह उद्योगों को छोड़कर भारत सरकार ने सभी उद्योगों को लाइसेंस व्यवस्था से मुक्त कर दिया।
- सन् 1956 से सार्वजनिक सेक्टर के लिए सुरक्षित उद्योगों की संख्या को 17 से घटाकर 4 कर दिया। इस प्रकार 13 उद्योगों के लिये निजी क्षेत्र के दरवाजे सरकार द्वारा खोल दिए गये। केवल परमाणु-शक्ति तथा रेलवे से सम्बन्धित उद्योग ही सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत बने रहे।
- भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के शेयरों में से कुछ को सामान्य जनता, कामगारों तथा वित्तीय संस्थाओं के लिए आवंटित करने का निश्चय किया।
- किसी भी उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा को समाप्त कर दिया गया तथा इसकै लिए लाइसेन्स व पूर्व अनुमति की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया।
- उद्योगों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign Direct Invest- ment) को घरेलू निवेश के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इससे भारतीय उद्योगों में विदेशी निवेश के दरवाजे खुल गए जिसके परिणामस्वरूप उद्योगों में उन्नत तकनीक, वैश्विक कुशल प्रबन्धन व व्यावहारिकता का अभिगमन तथा प्राकृतिक व मानवीय संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग का समावेश होने से उनके विकास को एक नवीन दिशा प्राप्त हुई।
- भारत की औद्योगिक नीति में घरेलू तथा बहुराष्ट्रीय दोनों व्यक्तिगत पूँजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उदारता दिखाई गई। खनन, दूर-संचार, राजमार्ग निर्माण व व्यवस्था को निजी क्षेत्र की कम्पनियों के लिए खोल दिया गया।
- इन सभी छूटों के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत सरकार की आशाओं के अनुरूप नहीं रहा लेकिन विदेशी निवेश का एक बड़ा भाग घरेलू उपकरणों, वित्त, सेवा, इलेक्ट्रॉनिक, विद्युत उपकरण, खाद्य व दुग्ध जैसे उद्योगों में लगाए जाने से इन उद्योगों के विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है।
20. भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।
उत्तर :- कृषि योग्य भूमि पर दबाव के कारण केवल न्यून उपलब्धता ही नहीं वरन् इसकी गुणवत्ता में कमी भी इसका कारण है। मृदा अपरदन, लवणता तथा अतिरिक्त बोझ से भू-निम्नीकरण होता है। भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी है। भू-निम्नीकरण दो प्रक्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है। ये प्रक्रियाएँ प्राकृतिक तथा मानव जनित है। जैसे प्राकृतिक खड्डू, मस्स्थलीय या तटीय रेतीली भूमि बंजर चट्टानी क्षेत्र तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र। ये मुख्यतः प्राकृतिक कारकों द्वारा घटित हुई है। मानव जनित प्रक्रियाओं से निम्न कोटि भूमियों में जलाक्रान्त व दलदली क्षेत्र, लवणता तथा क्षारीयता से प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित व झाड़ियाँ रहित भूमि सम्मिलित है।
भू-निम्नीकरण को कम करने के निम्न उपाय हैं-
(क) किसानों को उर्वरकों व रसायनों के उपयोग की पूरी जानकारी देनी चाहिए ताकि भू-उर्वरता को बनाए रखा जा सके।
(ख) औद्योगिक अपशिष्टों को संसाधन के रूप में उपचारित कर इनकी ऊर्जा पैदा करने व कम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
(ग) प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट के उपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।
(घ) कृषि जनित कचरे व मानवीय मल का कम्पोस्ट खाद के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए
(ड) जल संभर प्रबंधन कार्यक्रम जल, जंगल तथा जमीन के मध्य संबंधों को महत्व प्रदान करता है, अतः जल सम्भरण प्रबंधन द्वारा भूमि निम्नीकरण को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।
(च) इसी प्रकार जल संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए जल संग्रहण की विभिन्न विधियों का उपयोग किया जा सकता है साथ ही नदियों व जलाशयों के जल को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों के अतिरिक्त हर व्यक्ति द्वारा अपना सक्रिय योगदान दिया जा सकता है।
(छ) प्राकृतिक तथा मानव जनित क्रियाकलापों से जलाक्रान्त व दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारीय क्षेत्र झाड़ी सहित तथा झाड़ी रहित, खनन व भूमि तथा औद्योगिक व्यर्थ भूमि जैसी निम्न कोटि की भूमियों का निर्माण हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में भू-निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी मानवीय क्रियाओं पर कानूनी रूप से प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।
21. सेवा सेक्टर में पर्यटन के महत्व को स्पष्ट कीजिए तथा पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्याा करें।
उत्तर :- सेवा सेक्टर में पर्यटन के महत्व :
- पर्यटन मनोरंजन के उद्देश्यों से की जाने वाली यात्रा है।
- पर्यटन के अंतर्गत पर्यटकों के लिए आवास उपलब्ध कराना, भोजन, परिवहन, मनोरंजन, खरीदारी के लिए दुकान मुहैया कराना, आदि सेवाएं सम्मिलित है।
- वर्तमान में पर्यटन आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। यह देश के सिर्फ सेवा उद्योगों में से एक है।
- पर्यटन स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक आर्थिक प्रभाव डाल रहा है साथ ही सामुदायिक विकास और गरीबी में कमी लाने वाला प्रमुख घटक सिद्ध हो रहा है।
1980 से प्रति वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। - भारत में पर्यटन को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है और भारत के उत्तरी तथा उत्तरी पूर्वी राज्यों ने पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा भारत के पश्चिमी तथा पूर्वी तटीय भागों के पर्यटक क्षेत्रों में सैलानियों की तादाद में वृद्धि देखी गई है।
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक-
- अवकाश का उपभोग का उद्देश्यः- मांग पिछले कुछ दशकों में अवकाश के उद्देश्य से पर्यटन में वृद्धि हुई है। लोग अपने तनाव ग्रस्त जीवन से आराम पाने के लिए पर्यटन का सहारा ले रहे हैं।
- परिवहन :- परिवहन सुविधाओं में सुधार के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में तीव्र वृद्धि देखी गई है।
- जलवायु : पर्यटक अवकाश के दिनों में अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्रों में जाना पसंद करते हैं जैसे गर्मियों के दिनों में भारत के पर्यटक उत्तर के पर्वतीय क्षेत्रों में जाना पसंद करते हैं।
- भू दृश्य:- लोग आकर्षक एवं मनमोहक भू दृश्यों के प्रति आकर्षित रहते हैं। जैसे पर्वत, झीलें, दर्शनीय स्थान, समुद्री तट आदि।
- इतिहास एवं कला लोग प्राचीन ऑफ सुंदर नगर पुरातात्विक स्थानों को देख कर आनंदित होते हैं। इस कारण इतिहास और कला से परिपूर्ण क्षेत्र लोगों के पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु होते हैं।
22. भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
उत्तर :- व्यक्ति और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाली सेवा या सुविधा को परिवहन कहते हैं। इससे देश का सांस्कृतिक सामाजिक और नैतिक विकास का प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। परिवहन के प्रमुख साधन के अंतर्गत स्थल परिवहन, जल परिवहन और वायु परिवहन आते हैं। स्थल परिवहन के अंतर्गत सड़क, रेलवे और पाइपलाइन आते हैं। जल परिवहन के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग और महासागरीय मार्ग आते हैं। वायु में चलने वाले यान, वायु परिवहन के अंतर्गत आते हैं।
परिवहन के विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:-
(क) भौतिक कारक
भारत में प्राकृतिक विविधता पाई जाती है। देश के समतल भागो में सड़क और रेल मार्ग का विकास अधिक हुआ है, जबकि पर्वतीय दलदली, बाढ़ प्रभावित, भूमि अपरदित क्षेत्रों में परिवहन का विकास कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। अतः इन क्षेत्रों में सीमित विकास ही संभव हुआ है। सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में परिवहन का अल्प विकास हुआ है।
(ख) जलवायु
भारत का पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्रों में तथा अधिक वर्षा वाले पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा पश्चिमी घाट के असमतल व पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित स्तर पर ही स्थल यह परिवहन मार्गों का विकास हो पाया है।
(ग) आर्थिक कारक
देश में आर्थिक रूप से संपन्न क्षेत्रों में सड़क व रेल मार्ग का उच्च घनत्व पाया जाता है, जबकि आर्थिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में स्थलीय परिवहन मार्गों का घनत्व न्यूनतम है। नगरीय और औद्योगिक विकसित क्षेत्रों में परिवहन की बेहतर सुविधा पाई जाती है, जबकि पिछड़े क्षेत्रों में परिवहन का विकास बहुत कम दिखाई पड़ता है।
(घ) प्रशासनिक कारक
अच्छी प्रशासनिक सुविधाओं वाले राज्य में परिवहन के तंत्र का विकास अधिक एवं बेहतर गुणों वाली पाई जाती है। परिवहन को प्रभावित करने वाले कुछ अन्य कारकों के अंतर्गत जनसंख्या घनत्व, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक तथा राजनीतिक कारक का भी प्रभाव पड़ता है।
23. दिए गए विश्व के चित्र पर निम्नांकित जगहों को चिन्हित करें।
a. स्वेज नहर (Suez Canal)
b. श्रीलंका (Sri Lanka)
c. न्यूजीलैण्ड (New Zealand)
d. बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal)
e. ग्रीनलैण्ड (Greenland)
उत्तर :-
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